Mahashivratri 2020 l | ॐ जय शिव ओंकारा आरती | S.P Balasubrahmanyam | शिव आरती with hindi lyrics



On the Eve of MahaShivratri, Sing-Along Divine Shiv Ji Aarti, “Om Jai Shiv Omkara (ॐ जय शिव ओंकारा आरती)”, sung beautifully by S.P. Balasubramaniam to Overcome your Problems, get Peace of Mind and Fulfill your Wishes.
May Lord Shankar shower His blessings on you. 

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Song Credits:
Singer(s): S. P. Balasubrahmanyam
Music Director: Sayed Ali
Lyricist: Bharat Acharya
Graphics: Prem Graphics PG.

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Song Lyrics:-

ॐ जय शिव ओंकारा प्रभु हरी शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगीधारा ||
ॐ जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा प्रभु हरी शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगीधारा ||
ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचानन राजे
स्वामी पंचानन राजे |
हंसानन गरुड़ासन गरुणासन हंसानन गरुड़ासन गरुणासन
ऋषिवाहन साजे ||
ॐ जय शिव ओंकारा
दू दो भुज चार चतुर्भुज चतरभुज दशभुज दसभुज ते सोहे
स्वामी दशभुज ते सोहे |
तीनो रूप निरखता
तीनो रूप निरखता
त्रिभुवन जन मोहे ||
ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला बनमाला मुंडमाला धारी
स्वामी मुंडमाला धारी |
चन्दन मृग मध् सोहे
चन्दन मृग मध् सोहे
भाले शशि धारी ||
ॐ जय शिव ओंकारा
स्वेताम्बर श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे
स्वामी बाघम्बर अंगे |
ब्रम्हादिक् सनकादिक
ब्रम्हादिक् सनकादिक
भूतादिक संगे ||
ॐ जय शिव ओंकारा
कर में श्रेष्ठ कमंडल चक्र त्रिशूल धरता
स्वामी चक्र त्रिशूल धरता |
जग करता जग पालक
जग करता जग पालक
प्रभु तुम जग हर्ता ||
ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविविवेका
स्वामी जानत अविविवेका |
प्रणवाक्षर के मध्ये
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनो एका ||
ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुण स्वामी जी की आरती
जो कोई जन गावे
स्वामी जो कोई जन गावे |
कहत शिवानंद स्वामी
कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावे ||
ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा प्रभु हरी शिव ओंकारा
प्रभु हरी शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगीधारा ||
ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा प्रभु हरी शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगीधारा ||
ॐ जय शिव ओंकारा

Benefits of Aarti :
One who recites this Om Jai Shiv Omkara Aarti to the Lord:
1) gets rid of all problems,
2) attains fulfillment of his heart’s desire
3) gets Peace of Mind

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30 Comments

  1. ना आदि ना अंत है उसका।
    वो सबका, न इनका उनका।
    वही शून्य है, वही इकाई।
    जिसके भीतर बसा शिवायः।

    आँख मूंदकर देख रहा है।
    साथ समय के खेल रहा है।
    महादेव महाएकाकी।
    जिसके लिए जगत है जाकी।
    वही शून्य है, वही इकाई।
    जिसके भीतर बसा शिवायः।

    राम भी उसका, रावण उसका।
    जीवन उसका, मरण भी उसका।
    तांडव है, और ध्यान भी वो है।
    अज्ञानी का ज्ञान भी वो है।

    इसको काँटा लगे न कंकर।
    रण में रूद्र, घरों में शंकर।
    अंत यही सारे विघ्नों का।
    इस भोले का वार भयंकर।

    वही शून्य है, वही इकाई।
    जिसके भीतर बसा शिवायः।

    हर हर महादेव I

  2. मेरे सभी हिन्दू भाइयों को " जय श्री राम "
    हिन्दू धर्म मेरी जान है, मेरी पहचान है | मुझे गर्व है के मैंने ऐसे सनातन धर्म मे जन्म लिया | जिस धर्म मे वीर पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, स्वामी विवेकानंद ऐसे लाखो लाखो वीर, भक्त और बुद्धिजीवियों ने जन्म लिया | ऐसे मे हमारा ये कर्तव्य है के ऐसे महान धर्म के प्रति हम जागरूक रहे, धर्म का पालन करें और धर्म का प्रचार करें | जितना भी, जिस भी प्रकार से हम कर सकते है हमें अपने धर्म का प्रचार करना है |

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