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Lyris in hindi…………….
ज़िंदगी Song Lyrics
बचपन से सोचा कैसा होगा बड़ा होना
हर बात पे चुप हुआ रंडीरोना
पहली बार जब ज़िंदगी में हुआ धोखा
ऐसा लगा दोबारा ना मिलेगा ये मौका
खुद को रोका, खुद को टोका
बोलती मैं सच जान ने के लिए छोटा
खुद को कोशा, खुद को बोला
ये प्यार बस एक बार का ही होता
पहचान बढ़ती मेरी खौफनाक रूप से
शक्तिसाली बनता बंदा बार बार टूट के
सूट में बैठे मेरे जैसे कलाकार लूटने
लूप पे चलता मेरा गाना रेडियो बूत पे
भूलते जो सपने देखे स्कूल में
आएँगे मेरे fan मुझसे मिलने शूट पे रूठते
फिर दिक्कतो को भूल कर झूलते
ग़लत मोड़ पे खड़ी है मेरी ज़िंदगी
दिमाग़ और दिल के बीच हटकी मेरी ज़िंदगी
गिरके उठने का नाम ही है ज़िंदगी
रोड से Crore तक ही है ये ज़िंदगी
ग़लत मोड़ पे खड़ी है मेरी ज़िंदगी
दिमाग़ और दिल के बीच हटकी मेरी ज़िंदगी
गिरके उठने का नाम ही है ज़िंदगी
रोड से Crore तक ही है ये ज़िंदगी
पहले एक दिन लगता पूरा साल था
पता ना चलता अब साल भी कहाँ गया
पहले साथ दोस्तो का झुंड खेलता था
सोचता हूँ उनकी मंज़िलो में क्या लिखा था
चोटे खा के सीखा लड़ने का तरीका
सब कुछ पा कर कुछ भी ना जीता
हन मैं जीटा, दुनिया का रंग पड़ा फीका
हन मैं चीखा सोच सोच के जो मुझपे बीता
घुटनो पे रोती वो मेरी आख़िरी याद है
मुझसे पहले भी वो और किसी के साथ है
क्या करूँ जब मेरे सीने में लगती आग है
प्यार करने का मिलता कैसा ये इनाम है
धीरे धीरे घुटता दम हर रात है
गुज़रा जितना वक़्त लगता अब पाप है
पूरा करता कोई और उसके ख्वाब है
फिर भी रहना चाहतो वो मेरे साथ है
ग़लत मोड़ पे खड़ी है मेरी ज़िंदगी
दिमाग़ और दिल के बीच हटकी मेरी ज़िंदगी
गिरके उठने का नाम ही है ज़िंदगी
रोड से Crore तक ही है ये ज़िंदगी
ग़लत मोड़ पे खड़ी है मेरी ज़िंदगी
दिमाग़ और दिल के बीच हटकी मेरी ज़िंदगी
गिरके उठने का नाम ही है ज़िंदगी
रोड से Crore तक ही है ये ज़िंदगी
ग़लत मोड़ पे खड़ी है मेरी ज़िंदगी
दिमाग़ और दिल के बीच हटकी मेरी ज़िंदगी
गिरके उठने का नाम ही है ज़िंदगी
रोड से Crore तक ही है ये ज़िंदगी
ज़िंदगी, गिर के उठ
रोड से Crore तक ही है ये ज़िंदगी
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